Thursday, 27 August 2015

श्री जी के धाम से

नाथद्वारा - श्री जी के धाम में। उत्थापन के सुन्दर दर्शन किए आज। यँहा पूरे क्षेत्र में एक दिव्य अनुभुति होती है। अभी 5:30 पर हिण्डोले के दर्शन खुलेंगे। पत्नी बाजार में कुछ छोटी मोटी खरीदारी कर रही है। और मैं मन्दिर के बाहर बैठा फेस बुक पर ये पोस्ट डाल रहा हूँ। यँहा फ़ोटो ग्राफी वर्जित है। इसलिए फ़ोटो नहीं भेज पा रहा हूँ। यँहा की पोदीने वाली स्पेशल चाय का जायका मुझे पसंद नहीं है। फिर भी एक कुल्हड़ चाय पीने का लोभ संवरण नहीँ कर पाया। अभी शाम को उदयपुर वापस जाना है। यदि आप अभी तक यँहा नहीं आये हैँ तो एक बार अवशय आइये और इस दिव्य अनुभति का अनुभव करिये। उदयपुर से यह स्थान मात्र 50 किलोमीटर के लगभग है। और जल्द ही इस मार्ग पर 4 लेन सड़क का निर्माण पूरा होने जा रहा है। एक अंतिम बात -यँहा के दर्शनों में भीड़ व धक्का मुक्की बहुत होती है। जो भीड़ भाड़ से दूर रहते हो उन्हेँ यँहा आकर निराशा हो सकती है। पर मात्र इस कारण से यँहा ना आना कोई बुद्धिमानि पूर्ण निर्णय नहीं होगा। वैसे भी कहते है जिसे श्री जी नहीं बुलाते वो यँहा आ ही नहीं सकता। कारण चाहे कोई भी हो। आप सभी को नाथद्वारा से मेरी जय श्री कृष्ण।

No comments:

Post a Comment