Friday, 25 December 2020

क्रिसमस की छुट्टी

छुट्टी के दिन सारा कार्यक्रम अस्त व्यस्त सा हो जाता है। अलसाते रहो, कम्बल की गर्माहट में। चाय पर चाय के दौर चलते रहें। अदरक और लौंग की चाय का जायका और वो भी कम्बल में बैठ कर लिया जाय तो आनन्द ही कुछ और हो जाता है। न शेव करने की हड़बड़ी, न नहाने की ही। काम वाली बाई अल्ल सुबह आ जाती है। वो अपना काम कर रही थी और हम पति पत्नी चाय की चुस्कियों का स्वाद ले रहे थे। क्रिसमस का और कोई जश्न मेरे लिए हो न हो, छुट्टी अपने आप में एक जश्न होता है। अख़बार आ चुका था और मैं उसके पन्ने पलट रहा था। सारी खबरें निराशा से भरी थीं। एक ही ख़बर कुछ उल्लास की थी कि कोरोना का टीका जनवरी से लगना शुरू हो जाएगा और हम जैसे वरिष्ठ नागरिकों का नम्बर जल्द आएगा। अब वो अलग विषय है कि टीका कामयाब कितना होगा। इसीके पास एक ख़बर छपी थी कि कोरोना से उबर चुके लोगो में लकवा हो रहा है। ये खबर मैंने उच्च स्वर में पढ़ी जिससे पत्नी सुन ले। ख़बर सुनते ही वह बोली कि तुम ये अख़बार पढ़ना बिल्कुल बन्द कर दो। ऐसी खबरें पढ़ते हो फिर चिंतित भी रहते हो। बात तो चिन्ता की ही थी। मैं भी कोरोना से उबरा था। मैंने अपने हाथ पैर हिला डुला के देखे। मुँह से कुछ उल्टी सीधी भंगिमाएं बनाई। सब ठीक ही लगा। अख़बार फेंक मैं उठ खड़ा हुआ। बाहर  सूर्य अपने समय से निकल आया था। मैंने खिड़की पर पड़े लम्बे पर्दे दोनों और सरका दिए। सुनहरी धूप खड़की के शीशों से छन कमरे में आ ठहरी। मैंने कम्बल तह कर सलीके से रखा, बिस्तर की सलवटें ठीक करी और तकिये सिरहाने पर यथा स्थान रख दिये। नीम के पेड़ की शाखों के बीच से भुवन  भास्कर झाँक रहे थे। दरवाज़ा खोल मैं बॉलकोनी में आ गया। सर्द हवा के झोंकों ने सारी खुमारी उतार दी। रीढ़ की हड्डी में एक सिरहन सी दौड़ पड़ी। कुछ पक्षी मधुर स्वर में कलरव करते हुए किलोल कर रहे थे। मैं अधिक देर बाहर नहीं ठहर पाया और अंदर आ दरवाज़ा बन्द कर लिया। एक और छुट्टी के दिन की शुरुआत हो चुकी थी। क्या करना है कुछ भी तय नहीं था। जैसे चाहो रहो। जो चाहो करो। मैंने गूगल को आदेश दिया कि सूरदास जी का भजन 'तुम मेरी राखो लाज हरि' जगजीत सिंह के स्वर में प्रस्तुत करे। आदेश का पालन हुआ और भजन के बोल घर में गूँजने लगे।  ये तो सबको पता है कि आज क्रिसमस है। बहुतों ने क्रिसमस ट्री भी सज़ाए हैं। बच्चों के लिए उपहार भी लाये होंगे  । पर कितने जानते हैं कि आज गीता जयंती भी है। वैसे आज मोक्षदा एकादशी भी है। आप सब पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहे, इसी कामना के साथ गीता जयंती की बधाई। चलें इस छुट्टी का आनंद लें।

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